
जेनतेन जिन्दगी चलेकै छ हजुर
मान्छेले नै मान्छे छलेकै छ हजुर
पीरको आँसु तप्केर यी परेली भिज्दा
चर्को घाउवाट मन जलेकै छ हजुर
अध्यारो भाछ पाखा पखेरा हिजोआज
बिना आगोवाट दिल बलेकै छ हजुर
कयौं यस्ता चुनौतीमा नै रुमलिदा यहाँ
मान्छे रे उ,मान्छेलाई दलेकै छ हजुर
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